उद्धेश्य
स्वर गुंज रहा है मन में,यह उद्धेश्य हमारा है।
मुश्किल पडे कितनी भी,अटल संघर्ष हमारा है।
र्धर्य हमें नहीं खोना है, कुछ बनने का उद्धेश्य हमारा है।
सफल बनके दिखाना,अन्तिम लक्ष्य हमारा है।
इधर उधर में क्या रखा है,जो करना है कर डालों,
मेहनत से क्यों घबराते हो तुम,दो दो हाथ ही कर डालो।
वक्त का तकाजा समझो तुम,घबराना अब बन्द करो।
मेहनत और मुश्किलों को सहर्ष स्वीकार करो,
जीवन में कुछ बनने का सपना पूरा करो ।
मुश्किल पडे कितनी भी,अटल संघर्ष हमारा है।
कुमार महेश (11-05-2020)
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