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फिर प्रीत की नयी तस्वीर बनाये .....

Text Box: फिर प्रीत की  नयी तस्वीर बनाये

          


             आज मुहब्बत में तेरे वो नखरे, वो नाजो  नियम फिर याद आये
चलो आओ आज फिर से मुहब्बत के, दरिया में डूब जाए .
उम्रों के बंदन को तोड़े ,आज  शिकवे-शिकायतें भूल जाए .
रोशनी तेरे संदल हुश्न की क्या कम  , चलो सारे चराग  बुझाये
कत्थयी आँखों में काजल लगाओ ,आज हम फिर से डूब जाए .
आज मुहब्बत में  तेरे  वो नखरे, वो नाजो नियम फिर याद आये.
रूठना ,रोना , मचलना  छोड़ो , फिर से लाज हया भी भूल जाए .
मधुशाला अधरों की सजाओ , तुम हम आज  फिर से जाम लगाये  .
आज मुहब्बत में  तेरे  वो नखरे, वो नाजो नियम फिर याद आये.
नयी हसरते है इन सलवटे और झुरियों में ,इनको फिर क्योंकर छिपाये .
लिखे फिर से प्रेम की पांती दोनों  ,काहे को हम नीर बहाए .
प्यार दिया जिन अपनों को ,हम को आज अगर वो ठुकराए .
गम काहे करे री  पगली, ज़माने ने ऐसे आजकल दस्तूर बनाये .
आज मुहब्बत में  तेरे  वो नखरे, वो नाजो  नियम फिर याद आये
प्यार का मोती अनमोल प्रिये , फिर से ये मोती क्यूँ व्यर्थ लुटाये
यादें मांझी भूल – भाल कर , फिर प्रीत की  नयी तस्वीर बनाये .
आज मुहब्बत में  तेरे  वो नखरे, वो नाजो नियम फिर याद आये.
कुमार महेश  18-03-2020

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कुमार MAHESH

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