खास
हुनर रखता है ………………………………………….
शख्स कमाल का बाजीगर है,
हमेशा ही बेखबर रखता है।
बातों-जज्बातों मे,कायदों और वायदों में असर
रखता हैं।।
छल की आगोश में रहें विश्वास,अजब रूहानी नूर
रखता है।
खास शख्सियत है उसकी,शख्स यह खास हुनर रखता
है।।
घर की मुर्गी दाल बराबर, पर दूनिया भर मे सफर
रखता हैं।
काँरवा लम्बा हो जाता है, कदम जिस भी डगर रखता
हैं।।
लाल आँखे भी दिखाता हैं,छप्पन इंच का जीगर
रखता हैं।
चौकीदार है, सुना
हैं वतन की सरहदों पर नजर रखता है।।
इसको कुछ कह कर तो देखो,अन्धभक्त नारी-नर रखता
हैं।
चुपचाप करा देता हैं सर्जरी, आवाम में बडा डर
रखता हैं।।
जो इसके सूर में सूर ना मिलावे,उनको यह बेघर
रखता है।
वफादार होते है कुत्ते, सुनो!कुत्तों की पूरी
खबर रखता है।।
मन
की बातें मनभावन लगती है,बातों में तरबतर रखता हैI
सितम
में अमन दिखाता,मुद्दों से भटकाता दरबदर रखता हैII
एक
और लालच का जाल ,तो दूसरी और मगर रखता है ।
सियासत
का चालाक शिकारी,जोड़तोड़ का कहर रखता हैII
मस्जिद में ना सही ,मंदिर में ही सही वो भी सर
रखता है।
यानि खुदा तो नहीं हैं"कुमार"दिल में रब का डर रखता है।।
कुमार
महेश (06/09/2020)
लालसोट
,राजस्थान
(व्यथित
मन का सृजन)
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