{“Bhojan Avn Manav Swasthya”}
कक्षा -10 विषय- विज्ञानं पाठ – भोजन एवं मानव स्वास्थ्य
बहुचयनात्मक
प्रश्न
1. नारु रोग का रोगजनक है
(क)
जीवाणु (ख)
कृमि,
(ग)
विषाणु (घ)
प्रोटोजोआ (ख)
2. स्वस्थ
शरीर का सामान्य रक्तचाप होता है
(क) 120/80 (ख) 100/60
(ग) 140/100 (घ)
इनमें से कोई नहीं (क)
3. तम्बाकू
किस कुल का पादप है
(क)
मालवेसी (ख)
लिलीएसी
(ग)
सोलेनेसी (घ)
फेबेसी (ग)
4. मदिरा का
मुख्य घटक है
(क) C2H5OH (ख) CH3OH
(ग) CH3COOH (घ) C6H12O6 (क)
5. आयोडीन की
कमी से रोग होता है
(क)
रतौंधी (ख)
रिकेटस
(ग) बांझपन (घ)
घेघा (घ)
6. विटामिनों की कमी से हम रोगग्रसित हो जाते हैं। एसकोर्बिक अम्ल (C)
की कमी से होने वाला रोग है
(अ)
रतौंधी (ब)
स्कर्वी
(स)
पेलेग्रा (द)
बेरीबेरी (ब)
7. आयोडीन की कमी से किस ग्रन्थि की क्रिया मंद पड़ जाती है?
(अ)
थायराइड ग्रन्थि (ब)
पीयूष ग्रन्थि
(स)
एड्रीनल ग्रन्थि (द)
जनन ग्रन्थि (अ)
8. जल कितनी अवस्थाओं में पाया जाता है?
(अ)
एक (ब)
दो
(स)
तीन (द)
चार (स)
9. मदिरा (शराब) के प्रभाव से होने वाला मुख्य रोग है
(अ)
वसीय यकृत (ब)
नारु रोग
(स)
रिकेट्स (द)
मधुमेह (अ)
10. निम्न में से जंक फूड है
(अ)
बर्गर (ब)
पिज्जा
(स)
चिप्स (द)
उपर्युक्त सभी (द)
11. स्टीफन हेल्स ने पहली बार निम्न में से किस जन्तु का रक्तचाप मापा
(अ)
गाय (ब)
शेर
(स)
घोड़ा (द)
हाथी (स)
12. सिगरेट के धुएँ में उपस्थित गैस होती है
(अ)
ऑक्सीजन (ब)
कार्बन डाईऑक्साइड
(स)
कार्बन मोनो ऑक्साइड (द)
उपर्युक्त सभी (स)
13. कोल्डड्रिंक्स के निर्माण के समय कौनसे अम्ल का उपयोग किया जाती है,
जो दाँतों पर सीधा प्रभाव डालता
है?
(अ)
गंधक का अम्ल (ब)
फास्फोरिक अम्ल
(स)
नाइट्रिक अम्ल (द)
टारट्रिक अम्ल (ब)
14. सफेदी के लिए गोभी पर निम्न में से छिड़काव किया जाता है
(अ)
सिल्वर नाइट्रेट (ब)
लेड व कॉपर विलयन
(स)
लेड क्रोमेट (द)
फास्फोरस का विलयन (अ)
15. नकली दवाओं का धंधा करने वालों को मृत्युदण्ड देने की सिफारिश किस
समिति ने की?
(अ)
आशेलकर समिति (ब)
माशेलकर समिति
(स) राशेलकर समिति (द) काशेलकर समिति (ब)
अतिलघूत्तरात्मक
प्रश्न
प्रश्न 1.अफीम के पादप का वैज्ञानिक नाम क्या है?
उत्तर- अफीम के पादप का वैज्ञानिक नाम पैपेवर
सोमनिफेरम है।
प्रश्न 2.वसीय यकृत रोग का कारण क्या है?
उत्तर- मदिरा (Alcohol) के प्रभाव से वसीय यकृत रोग हो जाता है।
प्रश्न 3. तम्बाकू में कौन सा हानिकारक तत्व पाया जाता है?
उत्तर- तम्बाकू में निकोटिन नामक हानिकारक तत्व पाया जाता है।
प्रश्न 4. रक्तचाप मापने वाले यंत्र का नाम क्या है?
उत्तर- रक्तचाप मापने वाले यंत्र का नाम रक्तचापमापी (स्फाइग्नो मैनोमीटर)
है।
प्रश्न 5. नारु रोग के रोगजनक का नाम लिखो।
उत्तर- नारु रोग के रोगजनक का नाम ड्रेकनकुलस मेडीनेन्सिस (Dracunculus
medinensis) है।
प्रश्न 6.पैरों की हड्डियाँ मुड़ जाना एवं घुटने पास-पास आ जाना,
विटामिन की कमी से होने वाले किस
रोग के लक्षण हैं?
उत्तर-ये विटामिन D की कमी से होने वाले रिकेट्स रोग के लक्षण हैं।
प्रश्न 7.संतुलित भोजन किसे कहते हैं?
उत्तर-वह भोजन जिसमें सभी आवश्यक पोषक उपलब्ध हों,
उसे संतुलित भोजन कहते हैं।
प्रश्न 8.कुपोषण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-लम्बे समय तक जब पोषण में किसी एक या अधिक पोषक तत्त्व की कमी
हो तो उसे कुपोषण कहते हैं।
प्रश्न 9.नियासिन (B3) की कमी से होने वाले रोग का एक लक्षण लिखिए।
उत्तर-नियासिन (B3) की कमी से होने वाले रोग का लक्षण-जीभ व त्वचा पर पपड़ियाँ आना।
प्रश्न 10.मांसपेशी संकुचन एवं तंत्रिकीय आवेग का संचरण किस तत्व द्वारा
सम्पन्न होता है?
उत्तर-मांसपेशी संकुचन एवं तंत्रिकीय आवेग का संचरण सोडियम तत्व
द्वारा सम्पन्न किया जाता है।
प्रश्न 11.बाला या नारु रोग के रोगजनक कृमि का नाम लिखिए।
उत्तर-बाला या नारु रोग के रोगजनक कृमि का नाम ड्रेकनकुलस मेडीनेंसिस
है।
प्रश्न 12.BMI का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर-शरीर भार सूचकांक (Body Mass Index) ।
प्रश्न 13.रक्तचाप किसे कहते हैं ?
उत्तर-रक्तवाहिनियों में बहते रक्त द्वारा वाहिनियों की दीवारों पर
डाले गये दबाव को रक्तचाप कहते हैं।
प्रश्न 14.किन मरीजों को पोटेशियम युक्त भोजन करना चाहिए?
उत्तर-उच्च रक्तचाप वाले मरीजों को पोटेशियम युक्त भोजन करना चाहिए।
प्रश्न 15.रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़कर 140 मि.ग्रा./डे.ली. से अधिक होने वाला व्यक्ति किस रोग से ग्रसित होता है?
उत्तर-ऐसा व्यक्ति मधुमेह रोग से ग्रसित होता है।
प्रश्न 16.सत्यानासी के बीजों को किस खाद्य तेल में मिलावट के रूप में काम
लिया जाता है?
उत्तरे-सरसों के तेल में।
प्रश्न 17.नशीले पदार्थ हेरोइन को किस पादप से प्राप्त किया जाता है?
उत्तर-नशीले पदार्थ हेरोइन को पेपेवर सोम्नीफेरम नामक पादप से प्राप्त
किया जाता है।
प्रश्न 18.सामान्य स्वस्थ मनुष्य के रुधिर में भोजन पूर्व ग्लूकोज का स्तर
कितना होता है?
उत्तर-सामान्य स्वस्थ मनुष्य के रुधिर में भोजन पूर्व ग्लूकोज का स्तर
70-100 मिग्रा/डे.ली. होता है।
प्रश्न 19.पीने योग्य जल का pH मान कितना होता है?
उत्तर-पीने योग्य जल का pH मान 7 होता है।
लघूत्तरात्मक
प्रश्न
प्रश्न 1.संतुलित भोजन व कुपोषण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- संतुलित भोजन-वह भोजन जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध हों,
उसे संतुलित भोजन कहते हैं।
o
इसमें कार्बोहाइड्रेट्स,
वसा,
प्रोटीन,
विटामिन्स,
खनिज जैसे पोषकों के साथसाथ रेशों व
जल जैसे घटकों का होना आवश्यक है।
o
कुपोषण-लम्बे समय तक जब
पोषण में किसी एक या अधिक पोषक तत्त्व की कमी हो तो उसे कुपोषण कहते हैं।
प्रश्न 2.प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों का मानव शरीर में क्या प्रभाव
पड़ता है?
उत्तर-प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के मानव शरीर में निम्न
प्रभाव पड़ते हैं -
Ø बच्चों का शरीर सूजकर फूल जाता है।
Ø उसे भूख कम लगती है।
Ø स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है।
Ø त्वचा पीली, शुष्क, काली, धब्बेदार होकर फटने लगती है।
Ø शरीर सूखकर दुर्बल हो जाता है।
Ø आँखें कांतिहीन हो जाती हैं एवं अंदर धंस जाती हैं।
प्रश्न 3.पीने योग्य जल के क्या गुण होने चाहिए?
उत्तर- पीने योग्य जल के गुण
Ø जल में हानिकारक सूक्ष्म जीव नहीं होने चाहिए।
Ø जल का pH संतुलित हो।।
Ø जल में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन घुली हो।
Ø जल में आँखों से दिखने वाले कण और वनस्पति नहीं हों।
प्रश्न 4. दूषित जल के दुष्प्रभाव लिखिए।
उत्तर- दूषित जल के दुष्प्रभाव
निम्न हैं
Ø यदि दूषित जल का उपयोग पीने के काम में लेते हैं तो हम विभिन्न
बीमारियों से ग्रसित हो जायेंगे।
Ø दूषित जल में विषाणु, जीवाणु प्रोटोजोआ, कृमि आदि पाये जाते हैं, जिनकी वजह से हैजा, पेचिस जैसी बीमारियों के
शिकार हो जाते हैं।
Ø गंदे पानी से वायरल संक्रमण भी होता है, वायरल संक्रमण के कारण
हिपेटाइटिस, फ्लू, कोलेरा, टाइफाइड और पीलिया जैसी खतरनाक बीमारियाँ हो जाती हैं।
Ø बाला नारु रोग कभी राजस्थान में गम्भीर समस्या था। इसका रोगजनक
ड्रेकनकुलस मेडीनेसिस नामक कृमि है, इसकी मादा कृमि अपने अण्डे
हमेशा परपोषी के शरीर के बाहर जल में देती है, ऐसे दूषित जल के उपयोग से
यह रोग दूसरे लोगों में फैल जाता है।
प्रश्न 5.अफीम के दूध में कौन से एल्केलॉयड पाए जाते हैं?
उत्तर-अफीम के दूध में लगभग 30 प्रकार के एल्केलॉयड पाये
जाते हैं। इनमें से प्रमुख निम्न हैं
Ø मार्फीन
Ø कोडिन
Ø निकोटिन
Ø सोमनिफेरिन
Ø पैपेवरिन।
प्रश्न 6.तम्बाकू से होने वाली हानियाँ लिखिए।
उत्तर-तम्बाकू से हानियाँ
Ø तम्बाकू के लगातार सेवन से मुँह, जीभ, गले व फेफड़ों आदि का कैंसर
होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
Ø गर्भवती महिलाओं द्वारा तम्बाकू का सेवन करने पर भ्रूण विकास की गति
मंद पड़ जाती है।
Ø तम्बाकू में पाये जाने वाला निकोटिन धमनियों की दीवारों को मोटा कर
देता है जिससे रक्तदाब (B.P.) व हृदय स्पंदन (Heart beat) की दर बढ़ जाती
Ø सिगरेट के धुएँ में उपस्थित कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) लाल रुधिर कणिकाओं (RBC) को नष्ट कर रुधिर की
ऑक्सीजन परिवहन की क्षमता कम कर देती है।
प्रश्न 7.सबम्युकस फाइब्रोसिस रोग के लक्षण व कारण लिखिए।
उत्तर-लक्षण-सबम्युकस फाइब्रोसिस रोग में जबड़े की मांसपेशियाँ कठोर
हो जाती हैं, जिसके फलस्वरूप जबड़ा ठीक से नहीं खुलता है। मुँह में घाव या छाले व
सूजन आ जाती है जो कैंसर में परिवर्तित हो सकते हैं।
कारण-गुटका के उपयोग करने से इस प्रकार का रोग होता है।
प्रश्न 8.
(अ) विषाणुजनित कोई दो रोगों के नाम लिखिए।
(ब) तम्बाकू में पाये
जाने वाले एल्केलॉयड का नाम लिखिए।
(स) तम्बाकू चबाने से
होने वाली दो हानियाँ लिखिए।
उत्तर-
I.
हिपेटाइटिस , टायफाइड पीलिया ।
(ब) निकोटिन एल्केलायड
(स)तम्बाकू के लगातार सेवन
से मुँह, जीभ, गले व फेफड़ों आदि का कैंसर होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
सिगरेट के धुएँ में उपस्थित कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) लाल रुधिर कणिकाओं (RBC) को नष्ट कर रुधिर की
ऑक्सीजन परिवहन की क्षमता कम कर देती है।
प्रश्न 9.तम्बाकू, मदिरा व अफीम के सेवन से मानव स्वास्थ्य पर होने वाले कुप्रभावों
को समझाइये (प्रत्येक के दो-दो)।
उत्तर-तम्बाकू के
कुप्रभाव
Ø तम्बाकू के लगातार सेवन से मुँह, जीभ, गले व फेफड़ों आदि का कैंसर
होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
Ø गर्भवती महिलाओं द्वारा तम्बाकू का सेवन करने पर भ्रूण विकास की गति
मंद पड़ जाती है।
मदिरा के कुप्रभाव
Ø मदिरा के सेवन से व्यक्ति की स्मरण क्षमता में कमी आ जाती है एवं
तंत्रिका तंत्र (Nervous System)
प्रभावित होता है।
Ø इसके अधिक सेवन से वसीय यकृत रोग हो जाता है, जिससे प्रोटीन व
कार्बोहाइड्रेट के निर्माण पर प्रभाव पड़ता है।
अफीम के कुप्रभाव
Ø अफीम का सेवन व्यक्ति को उसका आदी बना देता है।
Ø अफीम के सेवन से प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाने से व्यक्ति बार-बार
बीमार रहने लगता है तथा अन्त में उसकी असामयिक मृत्यु हो जाती है।
प्रश्न 10.संतुलित भोजन किसे कहते हैं? संतुलित भोजन के लाभ लिखिए।
उत्तर-संतुलित भोजन-वह भोजन जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध हों, उसे हम संतुलित भोजन कहते
हैं।
Ø संतुलित भोजन के लाभ–
Ø अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित भोजन खाने की आवश्यकता है।
Ø स्वस्थ संतुलित भोजन शरीर को मजबूत बनाता है।
Ø रोगों से लड़ने के लिए उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
Ø संतुलित भोजन दिमाग को तेज तथा स्वस्थ बनाता है।
Ø संतुलित भोजन से शरीर में थकान नहीं होगी व शरीर निरोगी रहेगा।
प्रश्न 11.कुपोषण किसे कहते हैं? प्रोटीन कुपोषण का वर्णन कीजिए।
उत्तर-कुपोषण-लम्बे समय तक जब पोषण में किसी एक या अधिक पोषक तत्त्वों
की कमी हो तो उसे हम कुपोषण कहते हैं।
प्रोटीन कुपोषण- भोजन में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा न होने पर होने वाला कुपोषण, प्रोटीन कुपोषण कहलाता है।
प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग को क्वाशिओरकोर (Kwashiorkor) रोग कहते हैं। मुख्यतः छोटे
बच्चे, गर्भवती महिलाएँ एवं किशोर इससे प्रभावित होते हैं । इस रोग से बच्चों
का शरीर सूजकर फूल जाता है, स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता
है, भूख कम लगती है, त्वचा पीली, शुष्क, काली, धब्बेदार होकर फटने लगती
है।
जब प्रोटीन के साथ पोषण में पर्याप्त ऊर्जा की कमी होती है, तो शरीर सूखकर छोटा हो जाता
है, आँखें कांतिहीन एवं अंदर धंस जाती हैं। इस स्थिति को मेरस्मस रोग (Marasmus) कहते हैं।
प्रश्न 12.निम्नलिखित खनिज तत्वों के कार्यं लिखिए
Ø
फास्फोरस
Ø
लौह तत्व
Ø
पोटेशियम।।
उत्तर- फास्फोरस-यह कैल्शियम से मिलकर हड्डियाँ तथा दाँतों को मजबूती प्रदान करता है।
लौह तत्व-यह रुधिर में हीमोग्लोबिन के निर्माण में सहायक एवं ऊतक ऑक्सीकरण में
सहायक है।
पोटेशियम-यह मांसपेशी संकुचन, तंत्रिकीय आवेश संचरण, शरीर का विद्युत अपघटन, संतुलन बनाना, विभिन्न कोशिकीय क्रियाओं
के संचालन में सहायक है।
प्रश्न 13.कृत्रिम संश्लेषित खाद्य पदार्थ हमारे शरीर के लिए बहुत घातक हैं?
समझाइए।
उत्तर-जंक फूड (Junk Food) के समान कृत्रिम संश्लेषित खाद्य पदार्थ भी हमारे शरीर के लिए
हानिकारक हैं। ऐसे पदार्थ आकर्षक, खुशबूदार व स्वादिष्ट होते हैं, जिन्हें देखते ही खाने की प्रबल इच्छा होती है,
परन्तु इन्हें विभिन्न प्रकार के
कृत्रिम रासायनिक पदार्थों के मिश्रण से बनाया जाता है। इनमें प्राकृतिक एवं
पौष्टिक पदार्थों का अभाव होता है, जो हमारे शरीर के लिए बहुत घातक है तथा इनके उपभोग से हम विभिन्न
बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं।
प्रश्न 14.मोटापा (Obesity) से जुड़े रोगों के नाम लिखिए तथा मोटापे के प्रमुख कारण लिखिए।
उत्तर-मोटापा से जुड़े प्रमुख रोग निम्न हैं
Ø हृदय रोग ।
Ø मधुमेह
Ø निद्राकालीन श्वास समस्या
Ø कैंसर व अस्थिसंध्यार्थी।
मोटापे के कारण-
Ø अधिक चर्बीयुक्त भोजन करना।
Ø शारीरिक क्रियाओं के सही ढंग से नहीं होने पर भी शरीर पर चर्बी जमा हो
जाती है।
Ø जंक फूड व कृत्रिम भोजन का उपयोग करना।
Ø कम व्यायाम और स्थिर जीवनयापन।
Ø मोटापा व शरीर का वजन बढ़ना, ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है।
Ø अवटु अल्पक्रियता (हाइपोथाईरायडिज्म)।
प्रश्न 15.रक्तचाप (Blood Pressure) किसे कहते हैं? निम्न रक्तचाप को समझाइए।
Ø उत्तर-रक्तचाप (Blood Pressure)-रक्तवाहिनियों में बहते हुए
रक्त द्वारा वाहिनियों की दीवारों पर डाले गए दबाव को रक्तचाप कहते हैं।
Ø निम्न रक्तचाप (Low Blood Pressure)-वह दाब जिसमें धमनियों और नसों में रक्त का प्रवाह कम होने के लक्षण
दिखाई देते हैं, तो इसे हम निम्न रक्तचाप कहते हैं। इसमें रक्त का प्रवाह काफी कम होता
है, जिसके कारण मस्तिष्क, हृदय तथा वृक्कों जैसे
महत्त्वपूर्ण अंगों में ऑक्सीजन व पौष्टिक आहार नहीं पहुँच पाता है, जिसके फलस्वरूप ये अंग
सामान्य रूप से कार्य नहीं कर पाते हैं। और स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो सकते
हैं।
प्रश्न 16.अन्य नशीले पदार्थ कौन-कौनसे हैं?
इनके प्रयोग से होने वाले
दुष्प्रभाव लिखिए।
उत्तर-एलएसडी (लायसर्जिक एसिड डाईएथाइल एमाइड), भांग, हशीश, चरस, गांजा, कोकीन आदि नशीले पदार्थ
हैं। इनके प्रयोग के दुष्प्रभाव निम्न हैं
Ø परिवार से विच्छेदन
Ø अपराध प्रवृत्ति की वृद्धि
Ø शारीरिक एवं मानसिक कमजोरी आना।
प्रश्न 17.वायरल संक्रमण के कारण होने वाले पाँच रोगों के नाम लिखिए एवं नारु
रोग को रोकने एवं जल जनित रोगों से बचाव के उपाय लिखिए।
उत्तर-वायरल संक्रमण के कारण होने वाले रोग निम्न हैं
ü हिपेटाइटिस
ü फ्लू
ü कोलेरा
ü टायफाइड
ü पीलिया।।
नारु रोग को रोकने एवं जल जनित रोगों से बचाव हेतु पानी को छानकर,
उबालकर एवं ठण्डा कर पीना चाहिए।
नदी, तालाब इत्यादि में नहाना
एवं कपड़े धोना मना हो और समय-समय पर इनकी सफाई होनी चाहिए क्योंकि ”स्वच्छ जल है तो स्वस्थ कल है।”
प्रश्न 18.मदिरा सेवन से मानव स्वास्थ्य पर होने वाले कोई चार कुप्रभाव
लिखिए।
उत्तर-मदिरा सेवन से मानव स्वास्थ्य पर होने वाले चार कुप्रभाव निम्न-
ü मदिरा सेवन करने वाले व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा खत्म हो जाती है।
एवं इसके साथ ही आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो जाती है।
ü मदिरा के सेवन से व्यक्ति की स्मरण क्षमता में कमी आ जाती है एवं
तंत्रिका तंत्र (Nervous System) प्रभावित होता है।
ü इसके अधिक सेवन से वसीय यकृत रोग हो जाता है,
जिससे प्रोटीन व कार्बोहाइड्रेट के
निर्माण पर प्रभाव पड़ता है।
ü मदिरा (Alcohol) रुधिर प्रवाह द्वारा यकृत में पहुँचता है। तत्पश्चात् यकृत इसे
एसीटल्डिहाइड (CH3CHO) में परिवर्तित कर देता है, जो एक विषैला पदार्थ होता है।
ü मदिरा के सेवन से व्यक्ति के शरीर का सामंजस्य एवं नियंत्रण कमजोर हो
जाता है, जिससे कार्यक्षमता क्षीण हो
जाती है, दुर्घटना की सम्भावना बढ़
जाती है।
प्रश्न 19.सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर रोक क्यों लगाई गई तथा तम्बाकू
का प्रयोग किस प्रकार से किया जाता है? समझाइए।
उत्तर-सिगरेट, बीड़ी आदि का दुष्प्रभाव उसका सेवन करने वाले के पास में बैठने वाले
पर भी पड़ता है क्योंकि वातावरण में फैली निकोटिन युक्त धुआँ हवा के साथ उनके
फेफड़ों में भी पहुँच जाता है। यही कारण है कि कानून द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर
धूम्रपान पर रोक लगाई गई।
तम्बाकू का प्रयोग कई प्रकार से किया जाता है,
जैसे अधिकांश लोग पान,
गुटका या चूने के साथ इसे चबाते
हैं। कुछ लोग इसके पाउडर को सूंघने या मंजन की तरह दाँतों व मसूढ़ों पर मलने में उपयोग
करते हैं। तम्बाकू का उपयोग बीड़ी, सिगरेट, चिलम, सिगार, हुक्का आदि के रूप में भी किया जाता है।
प्रश्न 20.बाला या नारू रोग के रोगजनक का नाम बताइए एवं इस रोग का संचरण एवं
बचाव लिखिए।
उत्तर-बाला या नारू रोग का रोगजनक ड्रेकनकुलस मेडीनेसिस नामक कृमि है।
इसकी मादा कृमि अपने अण्डे हमेशा परपोषी अर्थात् मानव के शरीर के बाहर जल में देती
है, ऐसे संदूषित जल के उपयोग से
यह रोग दूसरे लोगों में फैल जाता है।
रोग से बचाव निम्न हैं
ü पानी को छानकर, उबालकर एवं ठण्डा करके पीना चाहिए।
ü तालाब, नदी इत्यादि में नहाना वे कपड़े धोने पर पाबंदी होनी चाहिए।
ü समय-समय पर इनकी सफाई भी हो।
प्रश्न 21.लोग अफीम का उपयोग क्यों करते हैं?
अफीम के डोडे (फल भित्ति) उबालकर
पीने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
ü शांति व आनन्द की अनुभूति प्राप्त करने के लिए लोग अफीम का उपयोग करते
हैं।
ü डोडे (फल भित्ति) उबालकर पीने से शरीर पर निम्न प्रभाव पड़ते हैं
ü प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
ü इससे व्यक्ति बार-बार बीमार रहने लगता है।
ü अन्त में असामयिक मृत्यु हो जाती है।
प्रश्न 22.डॉक्टर के पर्चे पर लिखी जाने वाली निद्राकारी व दर्द निवारक नशीली
दवाओं का नाम लिखिए एवं इनके दुरुपयोग से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-डॉक्टर के पर्चे पर लिखी जाने वाली निद्राकारी व दर्द निवारक
नशीली दवाओं के नाम अग्र हैं
ü मार्फीन
ü पेथेडीन
ü ब्यूप्रीनोफ्रिन
ü डाईजिपाम
ü नाइट्राजिपाम
ü प्रोपोक्सिफिन
इन दवाओं के दुरुपयोग से शरीर पर प्रभाव निम्न हैं
ü यकृत व गुर्दो (Kidneys) की कार्यक्षमता प्रभावित होगी।
ü मानसिक एकाग्रता में कमी।
ü भूख न लगना, वजन में कमी आना।
ü प्रतिरोधक क्षमता में कमी एवं बार-बार बीमार पड़ना।।
ü शरीर की कार्यक्षमता व बुद्धिकौशल पर प्रतिकूल प्रभाव।
निबन्धात्मक
प्रश्न-
प्रश्न 1. क्वाशिओरकोर रोग
क्या है? इसके लक्षण व
रोकथाम के उपाय लिखिए।
उत्तर- क्वाशिओरकोर (Kwashiorkor)-प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग को क्वाशिओरकोर कहते हैं। गरीबी के
कारण लोग भोजन में प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में नहीं ले पाते हैं,
जिसके कारण कुपोषण के शिकार हो जाते
हैं। अधिकांशतः छोटे बच्चे इस रोग से ग्रसित होते हैं। किशोरावस्था में और गर्भवती
महिलाओं को प्रोटीनयुक्त भोजन की अतिआवश्यकता है।
क्वाशिओरकोर रोग के लक्षण निम्नलिखित हैं
I.
बच्चों का पेट फूल जाता है।
II.
इन्हें भूख कम लगती है।
III.
स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता
है।
IV.
त्वचा पीली व शुष्क हो जाती
है एवं काली धब्बेदार होकर फटने लगती है।
V.
शरीर सूखकर दुर्बल हो जाता
है।
VI.
आँखें कांतिहीन एवं अन्दर
धंस जाती हैं, इस स्थिति को मेरसमस (Marasmus) रोग कहते हैं।
रोकथाम के उपाय-
I.
इस रोग से ग्रसित बच्चों, किशोरों, गर्भवती महिलाओं आदि को
प्रचुर मात्रा में प्रोटीनयुक्त भोजन का सेवन करना चाहिए।
II.
चिकित्सक से परामर्श
लेवें।।
प्रश्न 2.समाज में अफीम चलन
की प्रथा को आप कैसे रोक सकते हैं?
उत्तर- समाज में अफीम चलने की
प्रथा को रोकने के लिए हम निम्न कार्य करेंगे
I.
हम लोगों को अफीम के नशे से
होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी देंगे।
II.
गम या खुशी के अवसर पर की
जाने वाली अफीम की मनुहार की प्रथा का विरोध करेंगे।
III.
जो माताएँ अपने छोटे बच्चों
को सुलाने के लिए अफीम खिलाती हैं, उन्हें ऐसा न करने के लिए
समझायेंगे तथा उन्हें बतलायेंगे कि इससे बच्चों को अफीम की लत लग जाती है।
IV.
हम अपने विद्यालय तथा अन्य
विद्यालयों में अफीम के सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव विषय पर कार्यशाला का आयोजन
करेंगे।
V.
हम नुक्कड़ नाटक द्वारा तथा
रैलियाँ निकालकर भी समाज में अफीम चलन के विरुद्ध जनजागृति उत्पन्न करेंगे।
प्रश्न 3.विटामिन कुपोषण से
होने वाले रोग एवं उनके लक्षण लिखिए।
उत्तर- विटामिन कुपोषण से होने वाले रोग एवं उनके लक्षण
प्रश्न 4.कोल्डड्रिंक्स से
हमारे शरीर में पड़ने वाले हानिकारक प्रभावों का वर्णन कीजिये।
उत्तर-कोल्डड्रिंक्स से हमारे शरीर पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव
निम्नलिखित हैं
1. कोल्डड्रिंक्स में उपस्थित लीडेन,
डीडीटी,
मेलेथियन और क्लोरपाइरीफॉस कैंसर,
स्नायु,
प्रजनन सम्बन्धी बीमारी और
प्रतिरक्षा तंत्र में खराबी के लिए उत्तरदायी हैं।
2. कोल्डड्रिंक्स के निर्माण के समय इसमें फास्फोरिक अम्ल डाला जाता है।
जो दाँतों पर सीधा प्रभाव डालता है। उसमें लोहे तक को गलाने की क्षमता होती है।
3. इसमें उपस्थित एथीलिन ग्लाइकोल रसायन पानी को शून्य डिग्री तक जमने
नहीं देता है। इसे आम भाषा में मीठा जहर कहा जाता है।
4. बोरिक, एरिथोरबिक और बैंजोइल अम्ल मिलकर कोल्डड्रिंक्स को अतिअम्लता प्रदान
करते हैं, जिससे पेट में जलन,
खट्टी डकारें,
दिमाग में सनसनी,
चिड़चिड़ापन,
एसिडिटी और हड्डियों के विकास में
बाधा आती है।
5. कोल्डड्रिंक्स में 0.4 पी.पी.एस. सीसा डाला जाता है जो स्नायु,
मस्तिष्क,
गुर्दा,
लिवर और मांसपेशियों के लिए घातक
है।
6. कोल्डड्रिंक्स में मिली केफीन की मात्रा अनिद्रा और सिरदर्द की समस्या
उत्पन्न करती है।
प्रश्न 5.खाद्य पदार्थों
में मिलावट पर लेख लिखिए।
उत्तर-
1. बाजार में मिलने वाले अनेक खाद्य पदार्थों में कुछ न कुछ मिलावट होती
है। मिलावट का प्रहार सबसे ज्यादा हमारे प्रतिदिन के आवश्यक खाद्य पदार्थों पर हो
रहा है। देश में मिलावटी खाद्य पदार्थों की भरमार हो गई है।
2. आजकल नकली आटा, बेसन, तेल, चाय, धनिया, घी, दूध, मिर्च, मसाले आदि खुलेआम बिक रहे
हैं। इनका उपयोग कर कोई बीमार हो जाये तो हालत और भी ज्यादा खराब हो जाती है, क्योंकि दवाइयाँ भी नकली
बिक रही हैं।
3. आजकल लोग दूध के नाम पर यूरिया, डिटर्जेंट, सोडा, पोस्टर कलर और रिफाइण्ड तेल
पी रहे हैं। यू.पी. में स्वास्थ्य विभाग के अनुसार राज्य के 25 प्रतिशत लोग मिलावटी घटिया
दूध पी रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। बाजार में मिलने वाले खाद्य तेल व
घी की स्थिति खराब है। सरसों के तेल में सत्यानासी के बीज और सस्ता पाम ऑयल मिलाया
जाता है। देशी घी में वनस्पति घी मिलाया जाता है।
4. इसी प्रकार मिर्ची पाउडर में ईंट का चूरा, सौंफ पर कृत्रिम हरा रंग, हल्दी में लेड क्रोमेट व
पीली मिट्टी, धनिया और मिर्च में गंधक, काली मिर्च में पपीते के
बीज मिलाये जा रहे हैं।
5. फल व सब्जियों में रंग के लिए रासायनिक इंजेक्शन (chemical injection), ताजा दिखाने के लिए लेड व कॉपर विलियन का छिड़काव, गोभी की सफेदी के लिए सिल्वर
नाइट्रेट (AgNO3) का छिड़काव किया जा रहा है। बेसन में मक्के का आटा, दाल व चावल पर बनावटी रंगों
की पॉलिश की जा रही है।
6. मिठाइयों में ऐसे रंगों का प्रयोग हो रहा है जो कैंसर के लिए
उत्तरदायी हैं और इसके कारण DNA में विकृति आ सकती है।
7. नकली दवाओं की समस्या और औषधि विनियम पर गठित माशेलकर समिति ने नकली
दवाओं का धंधा करने वालों को मृत्यु दण्ड देने की सिफारिश की है।
8. इसी प्रकार सुरक्षित भोजन के बारे में भारत में मुख्य कानून है-1954 का खाद्य पदार्थ अल्प
मिश्रण निषेध अधिनियम (पी.एफ.ए.)। इस कानून का नियम 65 खाद्य पदार्थों में
कीटनाशकों या मिलावट का नियमन करता है परन्तु यह नियम दोषी लोगों को सजा दिलाने
में नाकाम हो रहे हैं, जिसके फलस्वरूप लोग पकड़े जाने के बाद छूटकर वापस उसी व्यवसाय में लग
जाते हैं। सरकार द्वारा नियमों का कठोरता से पालन किया जावे एवं धीमी चलने वाली
न्याय प्रक्रिया, जानबूझकर जाँच कार्य को कमजोर करना, मुकदमों का सही ढंग से न
चलना, कामचोरी, धनशक्ति और राजनीतिक प्रभावों का इस्तेमाल पर अंकुश लगा दिया जाये तो
इसमें कोई दो । राय नहीं कि इस पर रोक न लग सके।
प्रश्न 6.खनिज कुपोषण से
होने वाली हानियों का वर्णन कीजिये।
उत्तर-विभिन्न प्रकार के खनिज भी हमारे शरीर के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।
इनकी कमी से शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग उत्पन्न हो जाते हैं।
ü आयोडीन तत्त्व-थायराइड ग्रन्थि में थाइरोक्सिन हार्मोन के निर्माण हेतु आयोडीन की
आवश्यकता होती है। आयोडीन की कमी से थायरोक्सिन हार्मोन का निर्माण कम होता है, जिसके परिणामस्वरूप गलगंड (
घेघा) रोग उत्पन्न हो जाता है।
ü कैल्शियम तत्त्व-कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसकी कमी से हड्डियाँ कमजोर व
भंगुर प्रकृति की हो जाती हैं।
ü लौह तत्त्व-यह रुधिर के हीमोग्लोबिन का भाग होता है। इसकी कमी से रक्तहीनता के
कारण चेहरा पीला पड़ जाता है।
ü फास्फोरस तत्त्व-फास्फोरस कैल्शियम से मिलकर हड्डियाँ तथा दाँतों को मजबूती प्रदान
करता है। इसकी कमी से हड्डियाँ तथा दाँत कमजोर हो जाते हैं।
ü सोडियम तत्त्व-सोडियम तत्त्व की कमी से मांसपेशी संकुचन, तंत्रिकीय आवेश संचरण, शरीर का विद्युत अपघटन, संतुलन बनाना आदि कार्य
प्रभावित होंगे।
ü पोटेशियम तत्त्व-पोटेशियम तत्त्व की कमी से मांसपेशी संकुचन, तंत्रिकीय आवेश संचरण, शरीर का विद्युत अपघटन, संतुलन बनाना, विभिन्न कोशिकीय क्रियाओं
के संचालन में बाधा उत्पन्न होगी।
प्रश्न 7.व्यसन किसे कहते
हैं? नशीले पदार्थों को
मानव पर क्या प्रभाव पड़ता है? विस्तार से
समझाइए।
उत्तर-व्यसन (Addiction)-व्यक्ति की किसी भी पदार्थ
पर जैसे कि तम्बाकू, एल्कोहॉल तथा ड्रग्स पर शारीरिक तथा मानसिक निर्भरता व्यसन कहलाती है।
1. नशीले पदार्थों का मानव पर प्रभाव-नशीले पदार्थों में गुटका, तम्बाकू, शराब, अफीम, कोकीन, भांग, चरस, गांजा, हशीश, एलएसडी तथा दवाओं का
दुरुपयोग शामिल है। इनके उपयोग से मानव पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ते हैं
2. सभी नशीले पदार्थों के उपयोग का मनुष्य पर बहुत दुष्प्रभाव पड़ता है।
लगातार उपयोग से मनुष्य स्थायी रूप से रोगी हो जाता है।
3. नशा करने वाला व्यक्ति धीरे-धीरे नशीले पदार्थों का आदी हो जाता है।
तथा और अधिक नशीले पदार्थों का उपयोग करने लगता है।
4. विभिन्न नशीले पदार्थों के उपयोग से कैंसर, वसीय यकृत, गुर्दो की खराबी आदि अनेक
घातक रोग हो जाते हैं।
5. नशीले पदार्थों के उपयोग से आर्थिक हानि एवं शारीरिक हानि दोनों होती
है।
6. नशीले पदार्थों के उपयोग से शारीरिक सामंजस्य तथा नियंत्रण में कमी
आती है, जिससे कार्यक्षमता घटती है तथा दुर्घटनाओं की भी सम्भावनाएँ बढ़ जाती
हैं।
7. परिवार में विच्छेदन बढ़ता है तथा अपराध प्रवृत्ति में भी बढ़ोतरी
होती है।
8. इससे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के साथ-साथ उसकी सामाजिक
प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुँचती है।
9. व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाने से वह बार-बार बीमार रहने
लगता है तथा उसकी असामयिक मृत्यु भी हो सकती है।
प्रश्न 8.डॉक्टर का मशवरा
है कि हमें प्रतिदिन कम से कम 8 गिलास पानी पीना
चाहिए। सही मात्रा में पानी पीने के क्या
लाभ हैं?
उत्तर-हमें प्रतिदिन सही मात्रा में पानी अवश्य पीना चाहिए। अधिक
शारीरिक श्रम करने वाले व्यक्तियों को और अधिक पानी पीना चाहिए। सही मात्रा में
पानी पीने के निम्न लाभ हैं-
1. सही मात्रा में पानी पीने से शरीर का उपापचय सही तरीके से काम करता
है।
2. प्रत्येक दिन 8-10 गिलास पानी पीने से शरीर
में रहने वाले जहरीले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, जिससे शरीर रोग मुक्त रहता
है।
3. शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी रहने से शरीर में चुस्ती और ऊर्जा
बनी रहती है, थकान का अहसास नहीं होता है।
4. पानी से शरीर में रेशे (फाइबर) की पर्याप्त मात्रा कायम रहती है, जिससे शरीर की रोग
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और बीमारियाँ होने का खतरा कम रहता है।
5. प्रचुर मात्रा में पानी पीने से शरीर में अनावश्यक चर्बी जमा नहीं
होती है।
6. उचित मात्रा में पानी पीने से शरीर में किसी प्रकार की एलर्जी होने की
आशंका कम हो जाती है, साथ ही फेफड़ों में संक्रमण, अस्थमा और आंत की बीमारियाँ
आदि भी नहीं होती हैं।
7. नियमित भरपूर पानी पीने से पथरी होने का खतरा भी कम रहता है।
8. पर्याप्त मात्रा में पानी पीने वाले को सर्दी जुकाम जैसे रोग नहीं
घेरते हैं।
उत्तर-उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)-वह दबाव जिसमें धमनियों और नसों में रक्त का दबाव अधिक होता है, उच्च रक्तचाप कहलाता है।
कारण-उच्च रक्तचाप चिंता, क्रोध, ईष्र्या, भ्रम, कई बार बार-बार आवश्यकता से
अधिक भोजन खाने से, मैदे से बने खाद्य पदार्थ, चीनी, मसाले, तेल, घी, अचार, मिठाइयाँ, मांस, चाय, सिगरेट व शराब के सेवन से, श्रमहीन जीवन व व्यायाम के
अभाव से हो सकता है।
1. बचाव के उपाय
2. ऐसे मरीजों को पोटेशियम युक्त भोजन करना चाहिए जैसे ताजे फल आदि।
3. डिब्बे में बंद सामग्री का प्रयोग बंद कर दें।
4. भोजन में कैल्शियम (दूध) और मैग्निशियम की मात्रा संतुलित करनी चाहिए।
5. रेशे युक्त पदार्थ खूब खाएं।
6. संतृप्त वसा (मांस, वनस्पति घी) की मात्रा कम
करनी चाहिए।
7. इसके साथ ही नियमित व्यायाम करना चाहिए। खूब तेज लगातार 30 मिनट पैदल चलना सर्वोत्तम
व्यायाम है।
8. योग, ध्यान, प्राणायाम रोज करना चाहिए।
9. धूम्रपान व मदिरापान नहीं करना चाहिए।
“अपनी उर्जा को
चिंता करने में खत्म करने से बेहतर है,
इसका उपयोग समाधान
ढूंढने में किया जाए..!!
हार और जीत हमारी
सोच पर निर्भर है,
मान लिया तो हार
और ठान लिया तो जीत..!!
जब तक आप खुद पर
विश्वास नहीं करते,
तब तक भगवान आप पर
कैसे विश्वास कर सकता है..!!”
#KUMAR MAHESH # 20APRIL2021
0 comments:
Post a Comment