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कविता -"बात सीधी थी पर ....... "प्रश्नोत्तरी
Hindi Quiz (Baat sidhi thi par........)
कुमार महेश ,रा.उ.मा.वि.डीडवाना ,दौसा
- भाषा के क्या करने से बात और अधिक पेचीदा हो गई?
- तोड़ने-मरोड़ने
- उलटने-पलटने
- घुमाने-फिराने
- उपर्युक्त सभी
- ‘पेंच’ प्रतीक है –
- कवि का
- बात का
- भाषा का
- भाषा और बात की।
- ‘बात जो एक शरारती बच्चे की तरह मुझसे खेल रही थी’-में अलंकार है –
- उपमा
- रूपक
- उत्प्रेक्षा
- श्लेष
- 'बात सीधी थी पर' में कवि ने किस पर बल दिया है?
- भाषा की जटिलत
- भावों की सरसता
- भाषा की सहजता
- भावों की गरिमा
- कवि से शरारती बच्चे के समान कौन खेल रही थी?
- बात
- भाषा
- कविता
- पतंग
- बात बाहर निकलने की अपेक्षा कैसी हो गई?
- व्यर्थ
- अनर्गल
- पेचीदा
- सहज
- बात सीधी थी पर .......कविता के रचनाकार है .
- कुँवरसिंह
- कुंवर प्रताप
- कुंवर बैचेन
- कुंवर नारायण
- सीधी सी बात किस के चक्कर में फंस गई?
- भाव के
- छंद के
- अलंकार के
- भाषा के
- सीधी सी बात किस के चक्कर में फंस गई?
- भाव के
- छंद के
- अलंकार के
- भाषा के
- बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना है बात-
- समझ जाना
- तर्कपूर्ण होना
- समझ नहीं आना
- प्रभावी होना
- कवि क्या करतब कर रहा था?
- मेज़ पर पेंच ठोक रहा था
- बात सुलझाने की कोशिश कर रहा था
- नाटक कर रहा था
- लोगों को बात समझा रहा था
- बात कवि के साथ कैसे खेल रही थी?
- खिलौने के समान
- खिलाड़ी के समान
- बच्चे के समान
- भाग्य के समान
- 'बात की चूड़ी मर जाना' से कवि का तात्पर्य है-
- स्पष्ट होना
- तर्कपूर्ण होना
- प्रभावपूर्ण होना
- प्रभावहीन होना
- 'बात सीधी थी पर' में किस की सहजता की बात कही गई है?
- व्यक्ति
- समाज
- देश
- भाषा
- “सहूलियत से बरतना” का अर्थ है –
- बहुत सावधानी से प्रयोग करना
- सुविधानुसार प्रयोग में लाना
- धैर्य और सरलता से काम में लाना
- अधिक महत्व न देना
- आडंबरपूर्ण शब्दों के प्रयोग से भाषा कैसी हो जाती है?
- अस्पष्ट
- स्पष्ट
- सहज
- सुंदर
- कवि किसे पाने की कोशिश करता है?
- बात को
- पेंच को
- कील को
- कलम को
- 'बात की पेंच खोलना' प्रतीक से स्पष्ट होता है-
- स्पष्ट होना
- समझ न आना
- उलझ जाना
- बहस करना।
- “करतब’ शब्द में है –
- प्रशंसा
- निन्दा
- व्यंग्य
- उपेक्षा
- बात कवि के साथ किसके समान खेल रही थी?
- खिलौने
- पेंच
- बच्चे
- भाषा
कुमार MAHESH

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