TEACHING & WRITING BY MK

इस ब्लॉग पर मेरी विभिन्न विषयों पर लिखी गई कविता, कहानी, आलेख और शिक्षण सामग्री का प्रकाशन किया जाता है.

काला नकाब




काला नकाब
================
नयन उनके बड़े चंचल ,बड़े लाजवाब है।
बहक रहा हर कोई जैसे ,पी ली शराब है।
************ **********
प्रेम के गणित की जैसे, वह तो किताब है।
जोड़-तोड़ आता नहीं ,न आता हिसाब है।
************ **********
हसरत है उनकी अब तो उनके ही ख्वाब है।
कातिल निगाहे उनकी ,शौख वो जनाब है।
************ **********
नयनों में उनके वफा, दिखती बेहिसाब है।
पर चेहरे पे क्यों उनके, ये काला नकाब है।
************ **********
भंवरे हैं मनचले सारे,नियत भी तो खराब है।
मुमकिन वजह यही है , यही तो दबाव है।
************ **********
देह के नेह की परिणिति,आजकल तेजाब है।
इस गणित का हल,अब शबाब पर हिजाब है।
************ **********
कुमार महेश 31/03/2020
("छपाक" फिल्म से प्रेरित)

SHARE

कुमार MAHESH

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment